रविंद्र सिंह भाटी के जोधपुर दौरे के दौरान वह जनता के बीच पहुंचे, उनके दर्शन किये और उनके साथ उनकी मुश्किलों को सुना। उनका उद्देश्य सिर्फ चुनाव नहीं था, बल्कि जनता की समस्याओं को सुलझाने का भी था। वह निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपनी योजनाओं और विचारों को जनता के सामने रखने के साथ-साथ, उनकी समस्याओं को सुनने और समाधान के लिए उनके साथ खड़े रहने का भी था।
जनता के बीच रविंद्र सिंह भाटी का यह दौरा बड़ा ही सफल रहा। लोगों ने उनकी सामाजिक संज्ञान, सेवा भावना और सजीव संवाद को सराहा। उनकी विचारधारा और नेतृत्व का प्रति-वाद लोगों को प्रेरित किया और उनका समर्थन प्राप्त हुआ।
उनकी मुलाकात बीजेपी के वरिष्ठ नेता देवीसिंह भाटी से भी हुई, जो न केवल एक राजनीतिक संवाद का माध्यम था, बल्कि एक परिवार के सदस्य के रूप में भी था। इस मुलाकात में राजनीति का कोई स्थान नहीं था, बल्कि दो परिवारों के बीच एक आदर्श और समझौता की बातचीत हुई।
बाड़मेर-जैसलमेर लोकसभा क्षेत्र में लोगों का विश्वास रविंद्र सिंह भाटी के साथ है, और उन्हें लोकसभा में निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनने का समर्थन देते हुए विश्वास है। इस दौरान उनका उद्देश्य यह नहीं है कि वह बस चुनाव जीतें, बल्कि वह उन्हीं जनता के साथ साझा किए गए संघर्षों और समस्याओं के समाधान के लिए उनके साथ खड़े है। इससे स्पष्ट है कि राजस्थान की राजनीतिक स्कीम में बदलाव की हवा उड़ रही है, जहां पारंपरिक दलों के अलावा निर्दलीय प्रत्याशियों को भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की जनता द्वारा दिया जा रहा है।
रविंद्र सिंह भाटी के जीवन में अभी और भी चुनौतियाँ हैं, जो उन्हें एक सच्चे नेता के रूप में मजबूत करने के लिए तैयार कर रही हैं। उनका यह संघर्ष एक पारंपरिक राजनीतिक नेता से अलग है, जिसने केवल चुनावी जीत पर ही ध्यान केंद्रित किया है। वे लोगों के बीच हैं, उनकी समस्याओं को समझते हैं और समाधान निकालने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इसी में उनकी विशेषता है, जो उन्हें एक नए दिशा में ले जा रही है।