प्रदेश में कर्मचारी-अधिकारियों के तबादलों को लेकर प्रशासनिक सुधार विभाग की ओर से नई तबादला नीति की कवायद अंतिम दौर में है। इस प्रस्तावित नीति के अंतिम रूप की चर्चा के लिए 16 मई को सचिवालय में बैठक का आयोजन किया गया है, जिसमें मुख्य सचिव सुधांश पंत और सभी विभागों के प्रमुख अधिकारियों के साथ तबादला नीति के मुद्दों पर विचार-विमर्श किया जाएगा। इसके बाद, नीति का मसौदा तैयार किया जाएगा और जब भी कैबिनेट की बैठक होगी, तब इसे मंजूरी के लिए प्रस्तुत किया जाएगा। इसके पश्चात्, प्रदेश में नई तबादला नीति लागू हो जाएगी।
प्रदेश में तबादला नीति के लिए मांग लंबे समय से है। पूर्व में ही प्रशासनिक सुधार विभाग ने नीति के दिशा-निर्देश तैयार कर सभी विभागों को भेजा था। नई नीति के लागू होने के बाद, जनप्रतिनिधियों के डिजायर सिस्टम पर इसे लागू किया जाएगा।
नई तबादला नीति में सभी विभागों को ए और बी श्रेणी में बांटा गया है। 2000 से अधिक कर्मचारी वाले विभागों को ए श्रेणी में रखा गया है, जबकि 2000 से कम कर्मचारी वाले विभागों को बी श्रेणी में रखा गया है। ए श्रेणी के विभागों को तबादला नीति के लिए विशेष गाइडलाइन के अनुसार नीति तैयार करनी होगी, जबकि बी श्रेणी के विभागों को प्रशासनिक सुधार विभाग द्वारा तैयार की गई नीति का अपनाना होगा। हालांकि बी श्रेणी के विभागों को अपनी जरूरतों और परिस्थितियों के अनुसार नीति में परिवर्तन करने की अनुमति होगी। विभागों में 2000 से अधिक कर्मचारी वाले विभागों में, पीएचईडी, चिकित्सा और शिक्षा जैसे बड़े विभाग हैं।
इस तरह, नई तबादला नीति के प्रस्ताव उम्मीदवारों को साफ़ संकेत देते हैं कि प्रदेश सरकार का उत्साह व प्राथमिकता विभिन्न क्षेत्रों में प्रशासनिक सुधार करने के लिए है। इससे न केव
ल कर्मचारी तथा अधिकारियों की सुविधा बढ़ेगी, बल्कि सार्वजनिक सेवाओं की गुणवत्ता में भी सुधार होगा। इस नई नीति के प्रारंभ से ही समय रहते उसका अनुसरण किया जाएगा तथा उसमें आवश्यक परिवर्तन किए जाएंगे ताकि सभी वर्गों को समान और न्यायसंगत तरीके से लाभ प्राप्त हो सके।